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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
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अध्याय 37: केशी तथा व्योम असुरों का वध
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श्लोक 32
श्लोक
10.37.32
तं निगृह्याच्युतो दोर्भ्यां पातयित्वा महीतले ।
पश्यतां दिवि देवानां पशुमारममारयत् ॥ ३२ ॥
अनुवाद
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भगवान् अच्युत ने व्योमासुर को अपनी बाहों के बीच कसकर जकड़ लिया और उसे ज़मीन पर पटक दिया। तब स्वर्ग में मौजूद देवताओं को देखते हुए, कृष्ण ने उसे ठीक उसी तरह मारा, जिस तरह कोई बलि के पशु को मारता है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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