श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 36: वृषभासुर अरिष्ट का वध  »  श्लोक 6
 
 
श्लोक  10.36.6 
 
 
भगवानपि तद् वीक्ष्य गोकुलं भयविद्रुतम् ।
मा भैष्टेति गिराश्वास्य वृषासुरमुपाह्वयत् ॥ ६ ॥
 
अनुवाद
 
  जब भगवान ने देखा कि सारा गोकुल भय से भाग रहा है तो उन्होंने कहा, "डरो मत"। फिर उन्होंने वृषासुर को इस प्रकार ललकारा।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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