श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 36: वृषभासुर अरिष्ट का वध  »  श्लोक 18
 
 
श्लोक  10.36.18 
 
 
निशम्य तद्भ‍ोजपति: कोपात्प्रचलितेन्द्रिय: ।
निशातमसिमादत्त वसुदेवजिघांसया ॥ १८ ॥
 
अनुवाद
 
  यह सुनते ही, भोज के स्वामी क्रोधित हो उठे और उनकी इन्द्रियाँ उन्होंने उन पर नियंत्रण खो दिया। उन्होंने वसुदेव को मारने के लिए एक तेज तलवार उठा ली।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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