वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
»
अध्याय 36: वृषभासुर अरिष्ट का वध
»
श्लोक 15
श्लोक
10.36.15
एवं कुकुद्मिनं हत्वा स्तूयमान: द्विजातिभि: ।
विवेश गोष्ठं सबलो गोपीनां नयनोत्सव: ॥ १५ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
इस प्रकार अरिष्ट नामक वृषासुर का वध करने के बाद, गोपियों की आँखों के त्योहार (उत्सव) स्वरूप कृष्ण, बलराम के साथ ग्वाल-बालों के गाँव में प्रवेश कर गए।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.