श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 33: रास नृत्य  »  श्लोक 38
 
 
श्लोक  10.33.38 
 
 
ब्रह्मरात्र उपावृत्ते वासुदेवानुमोदिता: ।
अनिच्छन्त्यो ययुर्गोप्य: स्वगृहान्भगवत्प्रिया: ॥ ३८ ॥
 
अनुवाद
 
  जब ब्रह्मा की एक पूरी रात बीत गई, तो श्री कृष्ण ने गोपियों को अपने घरों को लौट जाने के लिए कहा। यद्यपि वे ऐसा नहीं करना चाहती थीं, लेकिन भगवान् की उन प्रियाओं ने उनके आदेश का पालन किया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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