श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 3: कृष्ण जन्म  »  श्लोक 36
 
 
श्लोक  10.3.36 
 
 
एवं वां तप्यतोस्तीव्रं तप: परमदुष्करम् ।
दिव्यवर्षसहस्राणि द्वादशेयुर्मदात्मनो: ॥ ३६ ॥
 
अनुवाद
 
  इस प्रकार तुम दोनों मेरे स्मरण में अत्यंत कठोर तपस्या करते हुए बारह हज़ार दिव्य वर्ष व्यतीत कर चुके हो।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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