यद्यपि कृष्ण उनके प्रियतम थे, और उनके लिए ही उन्होंने अपनी समस्त इच्छाओं का त्याग कर दिया था, किन्तु वे ही उनसे कठोर वचन बोल रहे थे। इसके बावजूद, वे कृष्ण के प्रति अपनी अनन्य भक्ति में अडिग रहीं। अपना रोना बंद करके उन्होंने अपनी आँखें पोंछीं और कांपती हुई रोती हुई बोलीं।