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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
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अध्याय 14: ब्रह्मा द्वारा कृष्ण की स्तुति
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श्लोक 45
श्लोक
10.14.45
ऊचुश्च सुहृद: कृष्णं स्वागतं तेऽतिरंहसा ।
नैकोऽप्यभोजि कवल एहीत: साधु भुज्यताम् ॥ ४५ ॥
अनुवाद
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ग्वाल बालों ने भगवान कृष्ण से कहा - "तुम इतनी जल्दी लौट आए! तुम्हारे बिना हमने एक निवाला तक नहीं खाया। आओ और बिना विघ्न-बाधा के अपना भोजन करो।"
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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