नटनर्तकगन्धर्वा: सूतमागधवन्दिन: ।
गायन्ति चोत्तमश्लोकचरितान्यद्भुतानि च ॥ २० ॥
अनुवाद
प्रख्यात नाटककार, कलाकार, नर्तक, गायक, इतिहासकार, वंशावलीविद और विद्वान वक्ता सभी ने भगवान के अलौकिक लीलाओं से प्रेरित होकर अपना-अपना योगदान दिया। इस तरह वे आगे बढ़ते रहे।