श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 1: सृष्टि  »  अध्याय 11: भगवान् श्रीकृष्ण का द्वारका में प्रवेश  »  श्लोक 20
 
 
श्लोक  1.11.20 
 
 
नटनर्तकगन्धर्वा: सूतमागधवन्दिन: ।
गायन्ति चोत्तमश्लोकचरितान्यद्भुतानि च ॥ २० ॥
 
अनुवाद
 
  प्रख्यात नाटककार, कलाकार, नर्तक, गायक, इतिहासकार, वंशावलीविद और विद्वान वक्ता सभी ने भगवान के अलौकिक लीलाओं से प्रेरित होकर अपना-अपना योगदान दिया। इस तरह वे आगे बढ़ते रहे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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