सीता के अंदर जाने पर वहाँ एकत्र हुए सभी लोग आनंद, शोक आदि में डूब गए। कुछ क्षणों के लिए वहाँ के सभी लोग बहुत ही मोहग्रस्त हो गए।
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये उत्तरकाण्डे सप्तनवतितम: सर्ग: ॥ ९ ७॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके उत्तरकाण्डमें सत्तानबेवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ ९ ७॥