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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 7: उत्तर काण्ड
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सर्ग 97: सीता का शपथ ग्रहण और रसातल में प्रवेश
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श्लोक 19
श्लोक
7.97.19
तस्मिंस्तु धरणी देवी बाहुभ्यां गृह्य मैथिलीम्।
स्वागतेनाभिनन्द्यैनामासने चोपवेशयत्॥ १९॥
अनुवाद
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तब धरणी देवी ने दोनों हाथों से मैथिली सीता को उठा लिया और स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए उन्हें सिंहासन पर बिठा दिया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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