श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 96: महर्षि वाल्मीकि द्वारा सीता की शुद्धता का समर्थन  »  श्लोक 18
 
 
श्लोक  7.96.18 
 
 
इमौ तु जानकीपुत्रावुभौ च यमजातकौ।
सुतौ तवैव दुर्धर्षौ सत्यमेतद् ब्रवीमि ते॥ १८॥
 
 
अनुवाद
 
  हे राम! यह मैं आपको सच कह रहा हूँ, जानकी जी के गर्भ से जन्मे ये दोनों, कुश और लव, यमज (जुड़वाँ) भाई हैं। वो आपके भी पुत्र हैं और आपके जैसे ही दुर्धर्ष वीर हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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