श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 92: श्रीराम के अश्वमेध यज्ञ में दान- मान की विशेषता  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  7.92.19 
 
 
ईदृशो राजसिंहस्य यज्ञ: सर्वगुणान्वित:।
संवत्सरमथो साग्रं वर्तते न च हीयते॥ १९॥
 
 
अनुवाद
 
  राजा श्रीराम द्वारा किया जाने वाला यज्ञ सर्वगुण सम्पन्न और भव्य था। यह एक वर्ष से भी अधिक समय तक चला, और इस दौरान कभी भी किसी चीज की कमी नहीं हुई।
 
 
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये उत्तरकाण्डे द्विनवतितम: सर्ग: ॥ ९ २॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके उत्तरकाण्डमें बानबेवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ ९ २॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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