श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 92: श्रीराम के अश्वमेध यज्ञ में दान- मान की विशेषता  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  7.92.1 
 
 
तत् सर्वमखिलेनाशु प्रस्थाप्य भरताग्रज:।
हयं लक्षणसम्पन्नं कृष्णसारं मुमोच ह॥ १॥
 
 
अनुवाद
 
  भरत के बड़े भाई श्रीराम ने वह सब सामग्री पूरी तरह भेजकर कृष्णसार मृग की तरह काले रंग वाले उत्तम लक्षणों से सम्पन्न एक घोड़े को विदा किया।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.