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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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सर्ग 91: श्रीराम के आदेश से अश्वमेध यज्ञ की तैयारी
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श्लोक 9-10
श्लोक
7.91.9-10
विज्ञाय कर्म तत् तेषां रामो लक्ष्मणमब्रवीत्।
प्रेषयस्व महाबाहो सुग्रीवाय महात्मने॥ ९॥
यथा महद्भिर्हरिभिर्बहुभिश्च वनौकसाम्।
सार्धमागच्छ भद्रं ते अनुभोक्तुं महोत्सवम्॥ १०॥
अनुवाद
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श्री राम लक्ष्मण से बोले—‘महाबाहो! तुम महात्मा कपिश्रेष्ठ सुग्रीव के पास यह संदेश भेजो कि ‘कपिश्रेष्ठ! तुम बहुत-से विशालकाय वनवासी वानरों के साथ यहाँ यज्ञ-महोत्सव का आनन्द लेने के लिए आओ। तुम्हारा कल्याण हो’॥ ९-१०॥
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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