विभीषण रक्षसों और बहुत सारी स्त्रियों के साथ महात्मा ऋषियों के स्वागत-सत्कार में व्यस्त थे।
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये उत्तरकाण्डे एकनवतितम: सर्ग: ॥ ९ १॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके उत्तरकाण्डमें इक्यानबेवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ ९ १॥