श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 9: रावण आदि का जन्म और उनका तप के लिये गोकर्ण-आश्रम में जाना  »  श्लोक 37
 
 
श्लोक  7.9.37 
 
 
तौ तु तत्र महारण्ये ववृधाते महौजसौ।
कुम्भकर्णदशग्रीवौ लोकोद्वेगकरौ तदा॥ ३७॥
 
 
अनुवाद
 
  कुम्भकर्ण और रावण, वे दोनों राक्षस महान शक्ति से युक्त थे और लोक में उथल-पुथल मचाने वाले थे। वे दोनों उस विशाल वन में पले-बढ़े।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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