श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 9: रावण आदि का जन्म और उनका तप के लिये गोकर्ण-आश्रम में जाना  »  श्लोक 35
 
 
श्लोक  7.9.35 
 
 
तत: शूर्पणखा नाम संजज्ञे विकृतानना।
विभीषणश्च धर्मात्मा कैकस्या: पश्चिम: सुत:॥ ३५॥
 
 
अनुवाद
 
  तत्पश्चात विकराल मुख वाली शूर्पणखा पैदा हुई। इसके बाद धर्मपरायण विभीषण का जन्म हुआ, जो कैकसी के अंतिम पुत्र थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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