श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 88: इला और बुध का एक-दूसरे को देखना तथा बुध का उन सब स्त्रियोंको किंपुरुषी नाम देकर पर्वत पर रहने के लिये आदेश देना  »  श्लोक 8
 
 
श्लोक  7.88.8 
 
 
अथ तस्मिन् वनोद्देशे पर्वतस्याविदूरत:।
सर: सुरुचिरप्रख्यं नानापक्षिगणायुतम्॥ ८॥
 
 
अनुवाद
 
  तब उस वन के एक कोने में, पर्वत से कुछ ही दूरी पर, एक सुंदर सरोवर था, जिसमें तरह-तरह के पक्षी मधुर स्वरों में गा रहे थे॥ ८॥
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.