श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 88: इला और बुध का एक-दूसरे को देखना तथा बुध का उन सब स्त्रियोंको किंपुरुषी नाम देकर पर्वत पर रहने के लिये आदेश देना  »  श्लोक 20
 
 
श्लोक  7.88.20 
 
 
तद् वाक्यमाव्यक्तपदं तासां स्त्रीणां निशम्य च।
विद्यामावर्तनीं पुण्यामावर्तयत स द्विज:॥ २०॥
 
 
अनुवाद
 
  उन स्त्रियों के शब्द स्पष्ट नहीं थे। उन्हें सुनकर ब्राह्मण ने पुण्यमयी आवर्तनी विद्या का स्मरण किया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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