श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 88: इला और बुध का एक-दूसरे को देखना तथा बुध का उन सब स्त्रियोंको किंपुरुषी नाम देकर पर्वत पर रहने के लिये आदेश देना  »  श्लोक 18
 
 
श्लोक  7.88.18 
 
 
शुभं तु तस्य तद् वाक्यं मधुरं मधुराक्षरम्।
श्रुत्वा स्त्रियश्च ता: सर्वा ऊचुर्मधुरया गिरा॥ १८॥
 
 
अनुवाद
 
  उस बुद्धिमान राजकुमार के मुख से निकले हुए शुभ वचन मधुर शब्दों से भरे हुए थे जो शहद की तरह मीठे थे। उनके वचन सुनकर उन सभी महिलाओं ने मधुर आवाज में कहा -।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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