वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 7: उत्तर काण्ड
»
सर्ग 88: इला और बुध का एक-दूसरे को देखना तथा बुध का उन सब स्त्रियोंको किंपुरुषी नाम देकर पर्वत पर रहने के लिये आदेश देना
»
श्लोक 18
श्लोक
7.88.18
शुभं तु तस्य तद् वाक्यं मधुरं मधुराक्षरम्।
श्रुत्वा स्त्रियश्च ता: सर्वा ऊचुर्मधुरया गिरा॥ १८॥
अनुवाद
play_arrowpause
उस बुद्धिमान राजकुमार के मुख से निकले हुए शुभ वचन मधुर शब्दों से भरे हुए थे जो शहद की तरह मीठे थे। उनके वचन सुनकर उन सभी महिलाओं ने मधुर आवाज में कहा -।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.