श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 88: इला और बुध का एक-दूसरे को देखना तथा बुध का उन सब स्त्रियोंको किंपुरुषी नाम देकर पर्वत पर रहने के लिये आदेश देना  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  7.88.16 
 
 
आश्रमं समुपागम्य ततस्ता: प्रमदोत्तमा:।
शब्दापयत धर्मात्मा ताश्चैनं च ववन्दिरे॥ १६॥
 
 
अनुवाद
 
  धर्मी पुरुष आश्रम में पहुँचकर उन सुंदरियों को पुकारा, और वे सब आकर उन्हें प्रणाम करने लगीं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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