राजन्! जिस पुरुषत्व को तुम वरदान के रूप में प्राप्त करना चाहते हो, उसके आधे भाग को देने वाले तो महादेवजी हैं और शेष आधे भाग का वरदान मैं तुम्हें दे सकती हूँ। अर्थात् तुमने जो सम्पूर्ण जीवन के लिए स्त्रीत्व प्राप्त किया है, उसे मैं आधे जीवन के लिए पुरुषत्व में बदल सकती हूँ। इसलिए तुम मेरा दिया हुआ यह आधा वरदान स्वीकार कर लो। अब तुम जितने भी समय तक स्त्री और पुरुष रहना चाहते हो, वह मुझसे कहो।