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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 7: उत्तर काण्ड
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सर्ग 87: श्रीराम का लक्ष्मण को राजा इल की कथा सुनाना – इल को एक-एक मासतक स्त्रीत्व और पुरुषत्व की प्राप्ति
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श्लोक 10
श्लोक
7.87.10
नानामृगाणामयुतं वध्यमानं महात्मना।
यत्र जातो महासेनस्तं देशमुपचक्रमे॥ १०॥
अनुवाद
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उस समय महात्मा इल के हाथों से नाना प्रकार के दस हजार हिंसक पशु नष्ट हो गए। उसके बाद वे उस क्षेत्र में गए जहाँ महान सेनापति, स्वामी कार्तिकेय का जन्म हुआ था।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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