श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 85: भगवान् विष्णु के तेज का इन्द्र और वज्र आदि में प्रवेश, इन्द्र के वज्र से वृत्रासुर का वध तथा ब्रह्महत्याग्रस्त इन्द्र का अन्धकारमय प्रदेश में जाना  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  7.85.16 
 
 
तमिन्द्रं ब्रह्महत्याऽऽशु गच्छन्तमनुगच्छति।
अपतच्चास्य गात्रेषु तमिन्द्रं दु:खमाविशत्॥ १६॥
 
 
अनुवाद
 
  इन्द्र को ब्रह्महत्या की हत्या के बाद, ब्रह्महत्या उनके पीछे लग गई और उनके शरीर के अंगों पर हमला किया। इससे इन्द्र को बहुत दुख हुआ और वे बहुत परेशान हो गए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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