वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 7: उत्तर काण्ड
»
सर्ग 85: भगवान् विष्णु के तेज का इन्द्र और वज्र आदि में प्रवेश, इन्द्र के वज्र से वृत्रासुर का वध तथा ब्रह्महत्याग्रस्त इन्द्र का अन्धकारमय प्रदेश में जाना
»
श्लोक 16
श्लोक
7.85.16
तमिन्द्रं ब्रह्महत्याऽऽशु गच्छन्तमनुगच्छति।
अपतच्चास्य गात्रेषु तमिन्द्रं दु:खमाविशत्॥ १६॥
अनुवाद
play_arrowpause
इन्द्र को ब्रह्महत्या की हत्या के बाद, ब्रह्महत्या उनके पीछे लग गई और उनके शरीर के अंगों पर हमला किया। इससे इन्द्र को बहुत दुख हुआ और वे बहुत परेशान हो गए।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.