श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 82: श्रीराम का अगस्त्य-आश्रम से अयोध्यापुरी को लौटना  »  श्लोक 20
 
 
श्लोक  7.82.20 
 
 
कक्षान्तरस्थितं क्षिप्रं द्वा:स्थं रामोऽब्रवीद् वच:।
लक्ष्मणं भरतं चैव गत्वा तौ लघुविक्रमौ।
ममागमनमाख्याय शब्दापयत मा चिरम्॥ २०॥
 
 
अनुवाद
 
  फिर श्रीरामने द्वार पर खड़े द्वारपाल से शीघ्रता से कहा—‘तुम अभी जाकर तुरंत वीर भरत और लक्ष्मण को मेरे आने की सूचना दो और उन्हें जल्दी से यहाँ बुला लाओ’॥ २०॥
 
 
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये उत्तरकाण्डे द्वॺशीतितम: सर्ग: ॥ ८ २॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके उत्तरकाण्डमें बयासीवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ ८ २॥
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.