वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 7: उत्तर काण्ड
»
सर्ग 82: श्रीराम का अगस्त्य-आश्रम से अयोध्यापुरी को लौटना
»
श्लोक 15
श्लोक
7.82.15
अभिवाद्य ऋषिश्रेष्ठं तांश्च सर्वांस्तपोधनान्।
अध्यारोहत् तदव्यग्र: पुष्पकं हेमभूषितम्॥ १५॥
अनुवाद
play_arrowpause
इस प्रकार मुनिवर अगस्त्य और अन्य सभी तपोधन ऋषियों को यथोचित अभिवादन करके, भगवान श्रीराम बिना किसी व्यग्रता के उस सुवर्णभूषित पुष्पक विमान पर चढ़ गए।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.