श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 82: श्रीराम का अगस्त्य-आश्रम से अयोध्यापुरी को लौटना  »  श्लोक 11
 
 
श्लोक  7.82.11 
 
 
ये च त्वां घोरचक्षुर्भि: पश्यन्ति प्राणिनो भुवि।
हतास्ते यमदण्डेन सद्यो निरयगामिन:॥ ११॥
 
 
अनुवाद
 
  ये भूतल पर घूरकर तुम्हें देखते हैं, वे यमराज के दंड से प्रताड़ित होकर तुरंत नरक में गिर जाते हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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