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श्लोक 14
श्लोक
7.81.14
इदं योजनपर्यन्तं सर: सुरुचिरप्रभम्।
अरजे विज्वरा भुङ्क्ष्व कालश्चात्र प्रतीक्ष्यताम्॥ १४॥
अनुवाद
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अरजे! यह सुन्दर झील, जो एक योजन तक फैली हुई है, इसका तुम निश्चिंत होकर उपभोग करो और अपने अपराधों से मुक्ति पाने के लिए यहीं समय का इंतजार करो।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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