श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 79: इक्ष्वाकुपुत्र राजा दण्डका राज्य  »  श्लोक 8
 
 
श्लोक  7.79.8 
 
 
प्रीतोऽस्मि परमोदार कर्ता चासि न संशय:।
दण्डेन च प्रजा रक्ष मा च दण्डमकारणे॥ ८॥
 
 
अनुवाद
 
  परम दयालु पुत्र! मुझे तुम पर अत्यंत प्रसन्नता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि तुम राजवंश की स्थापना करोगे। तुम दंड के द्वारा दुष्टों का दमन करते हुए प्रजा की रक्षा करो, परंतु बिना किसी अपराध के ही किसी को दंड मत देना।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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