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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 7: उत्तर काण्ड
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सर्ग 77: महर्षि अगस्त्य का एक स्वर्गीय पुरुष के शवभक्षण का प्रसंग सुनाना
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श्लोक 16
श्लोक
7.77.16
ततो भुक्त्वा यथाकामं मांसं बहु सुपीवरम्।
अवतीर्य सर: स्वर्गी संस्प्रष्टुमुपचक्रमे॥ १६॥
अनुवाद
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जैसे चाहे उतना मनचाहा भरपूर एवं स्वादिष्ट मांस खाने के बाद वे देवता सरोवर में उतरे और हाथ-मुँह धोने लगे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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