श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 73: एक ब्राह्मण का अपने मरे हुए बालक को राजद्वार पर लाना तथा राजा को ही दोषी बताकर विलाप करना  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  7.73.9 
 
 
नेदृशं दृष्टपूर्वं मे श्रुतं वा घोरदर्शनम्।
मृत्युरप्राप्तकालानां रामस्य विषये ह्ययम्॥ ९॥
 
 
अनुवाद
 
  श्रीराम के राज्य में पहले कभी ऐसी भयावह घटना नहीं देखी गई थी और न ही इसके बारे में सुनने में आया था। प्राणियों की मृत्यु इस प्रकार हो रही थी जैसे कि वे सामूहिक रूप से अपना समय पूरा करके जा रहे हों।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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