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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 7: उत्तर काण्ड
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सर्ग 73: एक ब्राह्मण का अपने मरे हुए बालक को राजद्वार पर लाना तथा राजा को ही दोषी बताकर विलाप करना
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श्लोक 6
श्लोक
7.73.6
अल्पैरहोभिर्निधनं गमिष्यामि न संशय:।
अहं च जननी चैव तव शोकेन पुत्रक॥ ६॥
अनुवाद
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वत्स, तेरे शोक से थोड़े ही दिनों में तेरी माता और मैं भी मर जाएँगे, इसमें कोई संदेह नहीं है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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