वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 7: उत्तर काण्ड
»
सर्ग 71: शत्रुघ्न का थोड़े-से सैनिकों के साथ अयोध्या को प्रस्थान, मार्ग में वाल्मीकि के आश्रम में रामचरित का गान सुनकर उन सबका आश्चर्यचकित होना
»
श्लोक 21
श्लोक
7.71.21
शृणुम: किमिदं स्वप्ने गीतबन्धनमुत्तमम्।
विस्मयं ते परं गत्वा शत्रुघ्नमिदमब्रुवन्॥ २१॥
अनुवाद
play_arrowpause
क्या हम यह अद्भुत गीत स्वप्न में सुन रहे हैं? फिर बहुत आश्चर्यचकित होकर वे शत्रुघ्न से बोले - २१
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.