श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 70: देवताओं से वरदान पा शत्रुघ्न का मधुरापुरी को बसाकर बारहवें वर्ष में वहाँ से श्रीराम के पास जाने का विचार करना  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  7.70.16 
 
 
तस्य बुद्धि: समुत्पन्ना निवेश्य मधुरां पुरीम्।
रामपादौ निरीक्षेऽहं वर्षे द्वादश आगते॥ १६॥
 
 
अनुवाद
 
  मधुरा नगरी को बसाने के बाद श्री कृष्ण के मन में विचार उत्पन्न हुआ कि अयोध्या से आए हुए बारह वर्ष हो गए हैं, अब मुझे वहाँ जाकर श्री रामचंद्र जी के चरण कमलों के दर्शन करने चाहिए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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