श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 69: शत्रुघ्न और लवणासुर का युद्ध तथा लवण का वध  »  श्लोक 37
 
 
श्लोक  7.69.37 
 
 
शत्रुघ्नशरनिर्भिन्नो लवण: स निशाचर:।
पपात सहसा भूमौ वज्राहत इवाचल:॥ ३७॥
 
 
अनुवाद
 
  लवण नामक राक्षस शत्रुघ्न के बाणों से बिंधकर तुरंत पृथ्वी पर गिर पड़ा, ठीक वैसे ही जैसे वज्र से मारा गया पर्वत गिरता है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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