श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 69: शत्रुघ्न और लवणासुर का युद्ध तथा लवण का वध  »  श्लोक 28-29h
 
 
श्लोक  7.69.28-29h 
 
 
एक एव प्रजानाति विष्णुस्तेजोमयं शरम्॥ २८॥
एषा एव तनु: पूर्वा विष्णोस्तस्य महात्मन:।
 
 
अनुवाद
 
  एकमात्र भगवान विष्णु ही इस तेजोमय बाण को जानते हैं। यह बाण साक्षात् परमात्मा विष्णु की ही प्राचीन मूर्ति है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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