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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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सर्ग 69: शत्रुघ्न और लवणासुर का युद्ध तथा लवण का वध
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श्लोक 12
श्लोक
7.69.12
तत: प्रहस्य लवणो वृक्षमुद्यम्य वीर्यवान्।
शिरस्यभ्यहनच्छूरं स्रस्ताङ्ग: स मुमोह वै॥ १२॥
अनुवाद
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तब शक्तिशाली लवण ने हंसते हुए एक वृक्ष उठाया और उसे वीरता से शत्रुघ्न के सिर पर दे मारा। इस प्रहार से शत्रुघ्न के सारे अंग शिथिल हो गए और वे बेहोश हो गए।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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