श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 67: च्यवन मुनि का शत्रुघ्न को लवणासुर के शूल की शक्ति का परिचय देते हुए राजा मान्धाता के वध का प्रसंग सुनाना  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  7.67.9 
 
 
तस्य पापमभिप्रायं विदित्वा पाकशासन:।
सान्त्वपूर्वमिदं वाक्यमुवाच युवनाश्वजम्॥ ९॥
 
 
अनुवाद
 
  तब उनके पापपूर्ण इरादे को समझकर पाकशासन युवनाश्व के पुत्र मान्धाता के पास गए और उन्हें शांतचित्त करने के लिए इस प्रकार बोले -
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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