वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 7: उत्तर काण्ड
»
सर्ग 67: च्यवन मुनि का शत्रुघ्न को लवणासुर के शूल की शक्ति का परिचय देते हुए राजा मान्धाता के वध का प्रसंग सुनाना
»
श्लोक 9
श्लोक
7.67.9
तस्य पापमभिप्रायं विदित्वा पाकशासन:।
सान्त्वपूर्वमिदं वाक्यमुवाच युवनाश्वजम्॥ ९॥
अनुवाद
play_arrowpause
तब उनके पापपूर्ण इरादे को समझकर पाकशासन युवनाश्व के पुत्र मान्धाता के पास गए और उन्हें शांतचित्त करने के लिए इस प्रकार बोले -
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.