वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 7: उत्तर काण्ड
»
सर्ग 67: च्यवन मुनि का शत्रुघ्न को लवणासुर के शूल की शक्ति का परिचय देते हुए राजा मान्धाता के वध का प्रसंग सुनाना
»
श्लोक 6
श्लोक
7.67.6
स कृत्वा पृथिवीं कृत्स्नां शासने पृथिवीपति:।
सुरलोकमितो जेतुमुद्योगमकरोन्नृप:॥ ६॥
अनुवाद
play_arrowpause
उस पृथ्वीपति नरेश ने सारी पृथ्वी को जीतकर अब स्वर्ग लोक पर विजय पाने की तैयारी आरंभ कर दी।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.