श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 67: च्यवन मुनि का शत्रुघ्न को लवणासुर के शूल की शक्ति का परिचय देते हुए राजा मान्धाता के वध का प्रसंग सुनाना  »  श्लोक 21
 
 
श्लोक  7.67.21 
 
 
तच्छूलं दीप्यमानं तु सभृत्यबलवाहनम्।
भस्मीकृत्वा नृपं भूयो लवणस्यागमत् करम्॥ २१॥
 
 
अनुवाद
 
  वह चमचमाता हुआ शूल सेवक, सेना और सवारियों सहित राजा मान्धाता को भस्म करके लवणासुर के हाथ में फिर आ गया।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.