श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 67: च्यवन मुनि का शत्रुघ्न को लवणासुर के शूल की शक्ति का परिचय देते हुए राजा मान्धाता के वध का प्रसंग सुनाना  »  श्लोक 20
 
 
श्लोक  7.67.20 
 
 
तत: प्रहस्य तद् रक्ष: शूलं जग्राह पाणिना।
वधाय सानुबन्धस्य मुमोचायुधमुत्तमम्॥ २०॥
 
 
अनुवाद
 
  तब उस समय लवणासुर मुस्कुराया और उसने अपने हाथ से वह शूल उठाया और अपने सेवकों के साथ राजा मान्धाता का वध करने के लिए उस उत्तम अस्त्र को उनके ऊपर छोड़ दिया।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.