श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 67: च्यवन मुनि का शत्रुघ्न को लवणासुर के शूल की शक्ति का परिचय देते हुए राजा मान्धाता के वध का प्रसंग सुनाना  »  श्लोक 13
 
 
श्लोक  7.67.13 
 
 
तमुवाच सहस्राक्षो लवणो नाम राक्षस:।
मधुपुत्रो मधुवने न तेऽऽज्ञां कुरुतेऽनघ॥ १३॥
 
 
अनुवाद
 
  तब इंद्र ने कहा - हे निष्पाप नरेश! मधुवन में मधु का पुत्र लवणासुर रहता है। वह तुम्हारी आज्ञा का पालन नहीं करता है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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