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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 7: उत्तर काण्ड
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सर्ग 66: सीता के दो पुत्रों का जन्म, वाल्मीकि द्वारा उनकी रक्षा की व्यवस्था और इस समाचार से प्रसन्न हुए शत्रुघ्न का वहाँ से प्रस्थान करके यमुनातट पर पहुँचना
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श्लोक 9
श्लोक
7.66.9
एवं कुशलवौ नाम्ना तावुभौ यमजातकौ।
मत्कृताभ्यां च नामभ्यां ख्यातियुक्तौ भविष्यत:॥ ९॥
अनुवाद
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इस प्रकार जुड़वाँ जन्मे ये दोनों बालक क्रमशः कुश एवं लव नाम धारण करेंगे और मेरे द्वारा निश्चित किये गये इन्हीं नामों से भूमण्डल में विख्यात होंगे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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