गजेन्द्र और श्रेष्ठ अश्वों के समुदाय से भरी हुई विशाल सेना को आगे भेजकर रघुवंश के वृद्धि करने वाले शत्रुघ्न एक मास तक महाराज श्रीराम के पास ही रहे। उसके बाद उन्होंने वहाँ से प्रस्थान किया।
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये उत्तरकाण्डे चतु:षष्टितम: सर्ग: ॥ ६ ४॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके उत्तरकाण्डमें चौंसठवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ ६ ४॥