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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 7: उत्तर काण्ड
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सर्ग 64: श्रीराम की आज्ञा के अनुसार शत्रुघ्न का सेना को आगे भेजकर एक मास के पश्चात् स्वयं भी प्रस्थान करना
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श्लोक 13
श्लोक
7.64.13
एवमुक्तस्तु रामेण शत्रुघ्नस्तान् महाबलान्।
सेनामुख्यान् समानीय ततो वाक्यमुवाच ह॥ १३॥
अनुवाद
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शत्रुघ्नजी ने श्रीरामचन्द्रजी की बात सुनकर अपने प्रबल सेनापतियों को बुलाया और इस प्रकार से कहा-।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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