वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 7: उत्तर काण्ड
»
सर्ग 64: श्रीराम की आज्ञा के अनुसार शत्रुघ्न का सेना को आगे भेजकर एक मास के पश्चात् स्वयं भी प्रस्थान करना
»
श्लोक 12
श्लोक
7.64.12
तत्र स्थाप्य बलं सर्वं नदीतीरे समाहित:।
अग्रतो धनुषा सार्धं गच्छ त्वं लघुविक्रम॥ १२॥
अनुवाद
play_arrowpause
‘वीर योद्धा! पूरी सेना को गंगा नदी के तट पर रोककर, तुम अकेले ही धनुष लेकर सावधानी से आगे बढ़ो।’
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.