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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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सर्ग 64: श्रीराम की आज्ञा के अनुसार शत्रुघ्न का सेना को आगे भेजकर एक मास के पश्चात् स्वयं भी प्रस्थान करना
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श्लोक 10
श्लोक
7.64.10
स ग्रीष्म अपयाते तु वर्षारात्र उपागते।
हन्यास्त्वं लवणं सौम्य स हि कालोऽस्य दुर्मते:॥ १०॥
अनुवाद
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‘हे सौम्य! जब ग्रीष्म ऋतु समाप्त हो जाए और वर्षा ऋतु आ जाए, तभी तुम लवणासुर का वध करो। क्योंकि उस दुष्ट राक्षस के विनाश का यही समय है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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