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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 7: उत्तर काण्ड
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सर्ग 62: श्रीराम का ऋषियों से लवणासुर के आहार-विहार के विषयमें पूछना और शत्रुघ्न की रुचि जानकर उन्हें लवण वध के कार्य में नियुक्त करना
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श्लोक 8
श्लोक
7.62.8
को हन्ता लवणं वीर: कस्यांश: स विधीयताम्।
भरतस्य महाबाहो: शत्रुघ्नस्य च धीमत:॥ ८॥
अनुवाद
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‘बन्धुओ! लवणको कौन वीर मारेगा? उसे किसके हिस्सेमें रखा जाय—महाबाहु भरतके या बुद्धिमान् शत्रुघ्नके’॥
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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