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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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श्लोक 1
श्लोक
7.58.1
एवं ब्रुवति रामे तु लक्ष्मण: परवीरहा।
प्रत्युवाच महात्मानं ज्वलन्तमिव तेजसा॥ १॥
अनुवाद
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श्रीराम के ऐसा कहने के बाद शत्रुओं पर विजय पाने वाले लक्ष्मण ने प्रज्वलित अग्नि के समान तेजस्वी महात्मा श्रीराम को संबोधित करते हुए इस प्रकार कहा-।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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